जीवन का एक ही अटल सच, मौत । जन्म लेने के साथ ही शुरू हो जाता खौफ, मौत। जीवन का एक ही अटल सच, मौत । जन्म लेने के साथ ही शुरू हो जाता खौफ, मौत।
तो विधवा बन जीती हूं, और ससुराल वालों को खटकने लगती हूं मैं। तो विधवा बन जीती हूं, और ससुराल वालों को खटकने लगती हूं मैं।
एक अजीब सा सपना था वह मगर याद नहीं ज़रा भी । एक अजीब सा सपना था वह मगर याद नहीं ज़रा भी ।
यह ज़िन्दगी इक सफ़र है, बस, मंज़िल भी हो, यह ज़रूरी तो नहीं।। यह ज़िन्दगी इक सफ़र है, बस, मंज़िल भी हो, यह ज़रूरी तो नहीं।।
आज के इस दौर को शब्दों पर चरितार्थ करने की एक छोटी सी कोशिश की है। आज के इस दौर को शब्दों पर चरितार्थ करने की एक छोटी सी कोशिश की है।
समाज की बुराइयों से दूर एक बेहतर दुनिया का सपना देखती एक कविता समाज की बुराइयों से दूर एक बेहतर दुनिया का सपना देखती एक कविता